in this poem the word pyaar indicates attraction about many things, not a typical LOVE scene...
हमेशा.....
जिसकी कोई शुरवात नही,
अंत को जिसके अंत नही,
हमेशा वो है बस; जो रहेगा,
हमेशा.......!!!
वक़त है हमेशा से,
या वक़त ही है हमेशा,
वक़त तो कभी बदलता नही ,
बदल जाता है मुखवटा ||
मुखवटे ही बदल जाते है,
प्यार भी रहा है हमेशा ,
वक़त है गवाह प्यार का ,
पर वक़त का गवाह हमेशा ||
ना जाने कबसे है वक़त,
ना जाने कब तक रहेगा,
प्यार की भी शुरवात कबसे ,
जिसका कभी अंत ना होगा ||
दुनिया से पहेले वक़त,
या वक़त से पहेले दुनिया,
प्यार की शुरवात इसी धरती से ,
या प्यार भी है हमेशा ||
एक ही है हमेशा,
दो रूप है जिसके,
वक़त है हमेशा,
या प्यार है हमेशा ||
Need to feel generous
6 hours ago
0 comments:
Post a Comment